Tuesday, June 15, 2010

एक ब्लॉगर की प्रार्थना

हे शिव! तुम तो सब जानते हो तो फिर क्या कहने आया हूं, ये भी जान ही रहे होगे।
हे रूद्र ! ऐसी ताकत दो कि मैं दूसरे ब्लॉगर को पछाड़ सकूं,टिप्पणी दिलवाओ, पसंद पर क्लीक करवाओ, अखबारों में चर्चे हो, इसका भी जुगाड़ कर, सात सोमवार का व्रत करूंगा ।
हे महेश!...मेरा मामला अक्सर ब्लॉगवाणी पर आकर अटक जाता है, कुछ ऐसी तरकीब भिड़ा कि वहां लिस्ट में मेरा ही मेरा नाम हो ।


हे कैलाश के वासी!..तुम तो जानते हो कि मैंने अपने ब्लॉग पर ट्रैफिक सिग्नल भी लगा रखा है, लेकिन मेरा ब्लॉग सिर्फ दिल्ली-दिल्ली में ही क्लीक होता है, कुछ करो प्रभो, गांजा-भंग चरस-अफीम जो चाहिए चढ़ाउंगा। मेरे ब्लॉग को हिट करा दे, फिर कैलाश पर जाकर विश्राम करना, रास्ते का सारा इंतजाम मेरा ।
हे महामृत्युजय !...तुम तो जानते हो कि ब्लॉगवाणी में अब पसंद पर एक बार ही क्लीक कर सकते हैं, कुछ लोग कई ई-मेल आईडी बनाकर पसंद पर क्लीक करते हैं, लेकिन तुम मेरे कंप्यूटर को ऐसी शक्ति दो कि बैठे- बैठे दे दना-दन...समझ गए न..?
हे अवधूत! कुछ दिन पहले ब्लॉगर प्रसाद को अपना गुरु बनाया था, सोचा था महाजन येन गत पन्था...लेकिन तुम तो जानते ही हो कि महाजन भी अब दूसरी राह पकड़ने लगे हैं । टीवी के एक रिएलिटी शो में देखा था कि महाजन स्वीमिंग पुल की तरफ जा रहे हैं । मैं तैरना नहीं जानता प्रभो, इसलिए हे असली बिग बॉस...ऐसी ताकत दो कि पल भर में ब्लॉगवाणी रूपी भवसागर को पार कर पाऊं।ऐसा रास्ता दिखा कि ब्लागर्स की दुनिया में सिर्फ मैं ही मैं रहूं,बाकी का क्या होगा, ये भी तुम सोचो..।
हे नागधर ! तू कुछ विष मुझे भी दे,मैं देख रहा हूं कि कुछ विषैले ब्लॉगर्स भी ब्लागवाणी पर भटकते हैं और लोग उनसे डरते भी हैं।
हे औंकार ! मैं टीवी में काम जरूर करता हूं प्रभो, पर स्क्रीन पर मेरा चेहरा कभी दिखता नहीं, इसलिए ब्लॉग की दुनिया में भी मेरा कोई गुट नहीं बना । तू ब्लॉग के महंतों को सपने में डरा । उसे कह कि महंती की कुर्सी छोड़े । मेरा कुर्सी मोह जाग गया है भगवन ।
हे भूतनाथ ! तू तो दुनिया की सारी गालियां जानता है । एक ब्लॉगर दूसरे को जमकर गालियां देते हैं,इस मामले में मैं बहुत कमजोर हूं । मुझे शक्ति दे प्रभो ।
हे करूणानिधान !...मेरी समस्या का निदान कर...कुछ वक्त चाहिए तो ले ले...लेकिन इतना मत लेना जितना कि किसी नए कवि की किताबों की भूमिका लिखने में लेते हैं हिंदी के महान कवि । जो भी कर जल्दी कर प्रभो,क्योंकि मामला फौजदारी का है।

12 comments:

  1. मन आनन्दित हुआ...
    वैसे देव प्रकाश जी, भोले बाबा के आगे गुहार लगाने से तो कहीं अच्छा है कि किसी ब्लाग महंत के द्वारे सुबह शाम "जय गुरूदेव-जय गुरूदेव" का उदघोष किया जाए...यदा कदा "गुरूदेव चरित" का पाठ भी करते रहें तो "ब्लाग गुरूदेव" की कृ्पा से आपका बेडा भी शीघ्र ही पार लग जाएगा :)

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  2. प्रकाश जी,भोले नाथ जी के दरबार मे जरा हमारी भी अर्जी लगवा देना....अपना भी हाल आप जैसा है..इस पोस्ट पर हम टिपिया के जा रहे हैं...आप भी जरा हमारे ब्लॉग पर......बाकि तो आप समझ ही गए होगें:))

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  3. परमजीत जी...अच्छा लगा कि आप टिपियाने आए...मैं भी जा रहा हूं..आपके पन्ने पर

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  4. डी के साहब...महंत की तलाश भी पूरी नहीं हो पाई है...अब आप लोगों का ही आसरा है..।

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  5. बेहद प्रसंशनीय अभिव्यक्ति।

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  6. अच्‍छा लिखोगे तो यह सब करने की आवश्‍यकता नहीं पड़ेगी।

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  7. हा हा!! लगे रहिये..कभी तो फलेगा.

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  8. to bhakt jano, bolo blogger baba keeeeee....jai. Sir shankar bhagwan se kaam nahi banega, naahi vishdhar se baat banegi kyon ki koi nevala paida ho jayega aur phir nevale ki kaat khojni padegi. Badhiya rasta hai ki delhi me bahut sare shoftware engineer hain, kisi ko pakad ke ek virous banwa lijiye taki blogger ke sare pages band ho jayen aur keval aap ka hi page khule. tab banegi baat. waise sir aap to "promo master" hain, ek badhiya sa promo banwa ke sare blogs pe chalwa dijiye bas log toot padenge.

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