tag:blogger.com,1999:blog-7116441784420099523.post436116861108285611..comments2022-11-17T06:38:49.922-08:00Comments on फिर कभी: मेरी, तेरी उसकी जेबdeo prakash choudharyhttp://www.blogger.com/profile/00319831311508843572noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7116441784420099523.post-40282232742982532852011-02-24T02:33:06.298-08:002011-02-24T02:33:06.298-08:00अच्छा व्यंग्य है. और दूसरो की जेब काटने वाले नेताओ...अच्छा व्यंग्य है. और दूसरो की जेब काटने वाले नेताओं की जेब काटने वाले दल को मेरा सलाम.Neha Jainhttps://www.blogger.com/profile/01333603533819026665noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7116441784420099523.post-74473104306383104052010-09-22T23:24:58.155-07:002010-09-22T23:24:58.155-07:00बहुत सटीक व्यंगबहुत सटीक व्यंगसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7116441784420099523.post-11973242374492734112010-09-22T01:15:57.892-07:002010-09-22T01:15:57.892-07:00देव प्रकाश जी,
नमस्ते,
मैं अरविंद शेष हूं। जनसत्त...देव प्रकाश जी,<br />नमस्ते,<br /><br />मैं अरविंद शेष हूं। जनसत्ता में हूं। इंटरनेट पर हिंदी में अच्छी सामग्रियों पर आधारित जनसत्ता के संपादकीय पन्ने पर एक साभार स्तंभ "समांतर" प्रकाशित होता है। मकसद है प्रिंट के पाठकों की पहुंच ब्लॉग पर आने वाली अच्छी सामग्रियों तक भी हो।<br /><br />समांतर के लिए आपके ब्लॉग फिर कभी से एक लेख कहां गई हंसी.... का अंश निकाला है। उसे समांतर में प्रकाशित करने की इच्छा है। उम्मीद है आपको आपत्ति नहीं होगी। प्रकाशन के बाद आपको इसकी पीडीएफ फाइल मे कर दूंगा। आप कृपया मेरे ईमेल पते arvindshesh@gmail.com पर अपने ईमेल से कुछ भेज दें। <br /><br />अगर आपकी निगाह ब्लॉगों पर रहती हो तो आपको जो थोड़ी बेहतर सामग्री लगे उनका लिंक मुझे भेज सकते हैं। <br /><br />शुक्रिया।<br /><br />अरविंद शेष<br />जनसत्ता<br />९८१८६०४०१६शेषhttps://www.blogger.com/profile/02424310084431510395noreply@blogger.com